Lucknow Ki Char Famous Jagah_लखनऊ की चार सबसे प्रसिद्ध जगह
नवाबों का शहर लखनऊ जिसके चर्चे उन देशों में भी किए जाते है जो लखनऊ घूमने के लिए आते है।
शायद है कुछ ऐसी चीजे लखनऊ में जो लोग देखना और जानना भी ज्यादा से ज्यादा पसंद करते है आइए आज बात करते है लखनऊ के बारे में और उसकी प्रसिद्ध जगहों के बारे में।
लखनऊ, जो अपनी नवाबी तहज़ीब और सांस्कृतिक विरासत के लिए मशहूर है, वहाँ कई ऐतिहासिक और दर्शनीय स्थल हैं। यहाँ लखनऊ की चार सबसे प्रसिद्ध जगहें हैं।
बड़ा इमामबाड़ा यह नवाब आसफ़-उद-दौला द्वारा 1784 में बनवाया गया था। इसकी भव्य भूल-भुलैया (Labyrinth) और विशाल सभागार इसे अनोखा बनाते हैं।
रूमी दरवाज़ा यह दरवाज़ा लखनऊ की पहचान बन चुका है। 60 फीट ऊँचा यह दरवाज़ा मुग़ल वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है।
चौक बाजार और अमीनाबाद लखनऊ की पारंपरिक खरीदारी के लिए ये बाज़ार बहुत प्रसिद्ध हैं। यहाँ टुंडे कबाबी, चिकन कढ़ाई और लखनवी ज़री-ज़रदोज़ी की चीज़ें मिलती हैं।
हजरतगंज यह एक आधुनिक और ऐतिहासिक बाज़ार है जहाँ कैफे, थिएटर और शॉपिंग मॉल्स के साथ-साथ पुरानी लखनऊ की झलक भी मिलती है।
अगर आप चाहें तो मैं इन जगहों की तस्वीरें या यात्रा सुझाव भी दे सकता हूँ।
बड़ा इमामबाड़ा (लखनऊ, उत्तर प्रदेश) एक ऐतिहासिक और स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है, जिसे नवाब असफ-उद-दौला ने 1784 में बनवाया था। यह इमामबाड़ा मुख्य रूप से शिया मुसलमानों के लिए एक धार्मिक स्थल है लेकिन इसकी वास्तुकला, इंजीनियरिंग और रहस्यमयी भूल-भुलैया के कारण यह दुनियाभर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है।
बड़ा इमामबाड़ा की खास चीजें और उनका राज
भूल-भुलैया (Labyrinth)
यह 1000 से ज्यादा रास्तों वाला एक जाल है जिसमें कई रास्ते एक जैसे दिखते हैं, लेकिन केवल कुछ ही सही रास्ते बाहर निकलते हैं।
इसका निर्माण बिना किसी बीम या लोहे के सपोर्ट के हुआ है। केवल ईंटों और चूने का इस्तेमाल हुआ है।
यह भूल-भुलैया वास्तुकला और ध्वनि विज्ञान (acoustics) का बेहतरीन नमूना है एक कोने से बोली गई आवाज दूसरी तरफ साफ सुनी जा सकती है।
बीम रहित मुख्य हॉल
यह दुनिया के सबसे बड़े बिना बीम (beam-less) हाल्स में से एक है।
इसकी लंबाई लगभग 50 मीटर है और छत को सपोर्ट करने के लिए कहीं भी कोई बीम या कॉलम नहीं है।
यह पूरी तरह से चूने-पत्थर और ईंटों से संतुलन बनाकर बनाया गया है।
राजनीतिक और सामाजिक कारण
इसे अकाल के दौरान बनवाया गया था ताकि लोगों को रोजगार मिल सके। कहा जाता है कि दिन में आम लोग इसे बनाते थे और रात में नवाब के आदेश से इसे तोड़ दिया जाता था ताकि काम चलता रहे और भूखे लोग रोज़गार पा सकें।
गर्भगृह (Tomb Chamber)
इमामबाड़ा के नीचे नवाब असफ-उद-दौला और उनके परिवार की कब्रें हैं जो बहुत ही सुंदर तरीके से बनाई गई हैं।
बड़ा इमामबाड़ा का राज
इसकी भूल-भुलैया में गाइड के बिना प्रवेश करना खतरनाक हो सकता है अंदर रास्ता भटक जाना आम बात है।
यह आज भी एक रहस्य है कि उस समय इतने सटीक अनुपात और ध्वनि तकनीक कैसे उपयोग की गई, बिना आधुनिक उपकरणों के।
अगर आप चाहें तो मैं इसका एक डायग्राम, नक्शा या वर्चुअल टूर जैसी जानकारी भी दे सकता हूँ।
रूमी दरवाज़ा की कुछ खास बातें
रूमी दरवाज़ा (Lucknow) भारत के सबसे शानदार और प्रसिद्ध ऐतिहासिक द्वारों में से एक है। इसे "लखनऊ का द्वार भी कहा जाता है। यह दरवाज़ा नवाब असफ-उद-दौला ने 1784 में बनवाया था, और इसका नाम रूम (पुराने तुर्क साम्राज्य अब तुर्की) से लिया गया है।
रूमी दरवाज़ा की कुछ खास बातें
-
तुर्की शैली की वास्तुकला
यह पूरी तरह से अवध की नवाबी वास्तुकला का प्रतीक है।
इसका डिज़ाइन तुर्की के इस्तांबुल के एक प्राचीन दरवाज़े (Bab-i-Humayun) से प्रेरित है।
-
ऊंचाई और बनावट
बिना किसी लोहे या स्टील के, सिर्फ ईंट-चूने से बनाया गया है।
इसकी नक्काशीदार मेहराब और फूलों की डिज़ाइन बेहद खूबसूरत है।
यह दरवाज़ा लगभग 60 फीट ऊँचा है।
-
झरना और लाइटिंग
रात में इसे रोशन करने के लिए मशालों का इस्तेमाल किया जाता था।
एक समय में, इसके ऊपर एक छोटा फव्वारा (water fountain) लगाया गया था, जिससे लगता था जैसे दरवाज़ा फूलों की माला पहन रहा हो।
-
राजनीतिक और सामाजिक महत्व
यह अक्सर लखनऊ के प्रतीक (symbol) के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
यह दरवाज़ा नवाबी ताकत और लखनऊ की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है।
-
आधुनिक उपयोग
आज भी यह दरवाज़ा लखनऊ के मुख्य आकर्षणों में है और कई फिल्म, डॉक्यूमेंट्री और फोटोशूट में दिखाई देता है।
-
राज और रहस्य
इसकी सटीक ज्यामिति और संतुलन अद्भुत है बिना किसी आधुनिक टेक्नोलॉजी के इतनी ऊंचाई और मजबूती लाना एक इंजीनियरिंग चमत्कार माना जाता है।
अगर चाहें, मैं इसका चित्र, डिज़ाइन स्केच, या 3D व्यू भी दिखा सकता हूँ।
लखनऊ के दो सबसे मशहूर बाजार चौक बाजार और अमीनाबाद अपनी खासियतों, परंपरागत चीजों और खाने-पीने के लिए देशभर में प्रसिद्ध हैं। यहां की गलियों में लखनऊ की तहज़ीब, संस्कृति और नवाबी रंग बिखरे हुए हैं।
1. चौक बाजार की फेमस चीजें
चौक बाजार लखनऊ का सबसे पुराना और ऐतिहासिक बाज़ार है। यह पुरानी लखनऊ की आत्मा कहलाता है।
खास चीजें
-
चकला-बलन का ज़रदोज़ी और चिकनकारी काम
(हाथ से कढ़ाई की गई शानदार शेरवानी, कुर्ता, दुपट्टा) -
इत्र (Perfume)
खासतौर पर देसी अत्तर और गुलाब, खस, केवड़ा आधारित सुगंध -
टोपी और अंगरखा
खास मुस्लिम पारंपरिक पहनावे -
हथकरघा और पारंपरिक गहने
पुराने जमाने के डिज़ाइनों वाली नथ, झुमके, चूड़ियाँ -
नवाबी जूतियां (खड़ाऊं)
हाथ से बनी हुई, चमड़े की लखनऊ की खास जूतियाँ
खाने की फेमस चीजें
- टुंडे कबाबी
गलावटी कबाब के लिए विश्व प्रसिद्ध - निहारी और कुलचा
- रहमत नगर की बिरयानी
- मलाइयों वाली कुल्फी और खस्ता कचौड़ी
2. अमीनाबाद की फेमस चीजें?
अमीनाबाद को लखनऊ का शॉपिंग हब कहा जाता है। यहाँ परंपरा और आधुनिकता का मेल देखने को मिलता है।
खास चीजें
-
चिकनकारी कुर्ते और सूट
महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए चिकन के सुंदर डिज़ाइन -
बनारसी साड़ियाँ और दुपट्टे
बहुत ही अच्छे रेट पर मिलती हैं -
कांच की चूड़ियाँ, बैग, पर्स और ज्वेलरी
-
बुक्स और स्टेशनरी
राम असीम प्रकाशन और पुराने किताबों की दुकानें -
सस्ते दामों पर फैशनेबल कपड़े और फूटवियर
खाने की फेमस चीजें
- वहिद बिरयानी (Wahid Biryani)
- प्रकाश की कुल्फी
- बद्रीनाथ की जलेबी और कचौड़ी
- जॉनसन की बेकरी पुराने जमाने की अंग्रेज़ी स्टाइल बेकिंग
अगर आप चाहें मैं एक शॉपिंग गाइड मैप या 1दिन में क्या-क्या घूमें और खाए लिस्ट भी बना सकता हूँ।
हजरतगंज क्या है
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
खरीदारी और खानपान
- सहारागंज मॉल
- रॉयल कैफे
- तुंदे कबाबी
- राम आसरे
- प्रकाश कुल्फी वाला
सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन
परिवहन और पहुंच
प्रमुख स्थल
अटल चौक
क्राइस्ट चर्च
के. डी. सिंह बाबू स्टेडियम